Mata Santoshi Aarti Lyrics in Hindi
“जय संतोषी माता” देवी संतोषी के लिए एक प्रसिद्ध गीत है, जो माँ दुर्गा का स्वरूप है, जो अपने अनुयायियों को संतुष्टि, खुशी और शांति प्रदान करने के लिए मानी जाती है। गहन प्रेम से प्रस्तुत, यह देवी का सम्मान करता है और उनसे सुख, धन और समृद्धि की कृपा मांगता है। यह भजन, अपनी जोशीली धुन और मार्मिक गीतों के साथ, विश्वासियों के दिलों में भक्ति और देवी संतोषी की स्वर्गीय उपस्थिति को जागृत करता है।
॥आरती संतोषी माँ की ॥
जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता।
अपने सेवक जन को,सुख सम्पत्ति दाता॥
जय सन्तोषी माता॥
सुन्दर चीर सुनहरीमाँ धारण कीन्हों।
हीरा पन्ना दमके,तन श्रृंगार कीन्हों॥
जय सन्तोषी माता॥
गेरू लाल छटा छवि,बदन कमल सोहे।
मन्द हंसत करुणामयी,त्रिभुवन मन मोहे॥
जय सन्तोषी माता॥
स्वर्ण सिंहासन बैठी,चंवर ढुरें प्यारे।
धूप दीप मधुमेवा,भोग धरें न्यारे॥
जय सन्तोषी माता॥
गुड़ अरु चना परमप्रिय,तामे संतोष कियो।
सन्तोषी कहलाई,भक्तन वैभव दियो॥
जय सन्तोषी माता॥
शुक्रवार प्रिय मानत,आज दिवस सोही।
भक्त मण्डली छाई,कथा सुनत मोही॥
जय सन्तोषी माता॥
मन्दिर जगमग ज्योति,मंगल ध्वनि छाई।
विनय करें हम बालक,चरनन सिर नाई॥
जय सन्तोषी माता॥
भक्ति भावमय पूजा,अंगीकृत कीजै।
जो मन बसै हमारे,इच्छा फल दीजै॥
जय सन्तोषी माता॥
दुखी दरिद्री, रोग,संकट मुक्त किये।
बहु धन-धान्य भरे घर,सुख सौभाग्य दिये॥
जय सन्तोषी माता॥
ध्यान धर्यो जिस जन ने,मनवांछित फल पायो।
पूजा कथा श्रवण कर,घर आनन्द आयो॥
जय सन्तोषी माता॥
शरण गहे की लज्जा,राखियो जगदम्बे।
संकट तू ही निवारे,दयामयी अम्बे॥
जय सन्तोषी माता॥
सन्तोषी माता की आरती,जो कोई जन गावे।
ऋद्धि-सिद्धि, सुख-सम्पत्ति,जी भरकर पावे॥
जय सन्तोषी माता॥
Jai Santoshi Mata Aarti Lyrics in English
“Jai Santoshi Mata” is a well-known song to Goddess Santoshi, a manifestation of Mother Durga, who is regarded for bestowing upon her followers satisfaction, happiness, and serenity. Rendered with intense love, it honors the goddess and begs her favor for happiness, wealth, and prosperity. This hymn, with its upbeat melody and poignant lyrics, evokes devotion and the heavenly presence of Goddess Santoshi in the hearts of believers.
Mata Santoshi Aarti Lyrics in English
Jai Santoshi Mata,Maiya Jai Santoshi Mata।
Apane Sewak Jana Ko,Sukh Sampati Data॥
Jai Santoshi Mata॥
Sundar Cheer Sunehri, Maa Dharan Kinho।
Heera Panna Damake, Tana Shringara Kinho॥
Jai Santoshi Mata॥
Geru Laala Chhata Chhavi,Badana Kamal Sohe।
Manda Hansata Karunamayi,Tribhuvana Man Mohe॥
Jai Santoshi Mata॥
Swarna Sinhasana Baithi, Chanvar Dhure Pyare।
Dhoop Deep Madhumeva, Bhoga Dhare Nyare॥
Jai Santoshi Mata॥
Gud Aru Chana Paramapriya, Tame Santosh Kiyo।
Santoshi Kahalai,Bhaktana Vaibhav Diyo॥
Jai Santoshi Mata॥
Shukrawar Priya Manat,Aaja Diwas Sohi।
Bhakta Mandali Chhai,Katha Sunat Mohi॥
Jai Santoshi Mata॥
Mandir Jagamaga Jyoti,Mangal Dhwani Chhai।
Vinaya Kare Hama Balaka,Charanan Sira Nai॥
Jai Santoshi Mata॥
Bhakti Bhava Maya Puja,Angikrita Kijai।
Jo Man Basai Hamare,Ichchha Phala Dijai॥
Jai Santoshi Mata॥
Dukhi Daridra, Roga,Sankat Mukta Kiye।
Bahu Dhana-Dhanya Bhare Ghara,Sukh Saubhagya Diye॥
Jai Santoshi Mata॥
Dhyana Dharyo Jisa Jana Ne,Manavanchhita Phala Payo।
Puja Katha Shrawan Kar,Ghara Ananda Ayo॥
Jai Santoshi Mata॥
Sharan Gahe Ki Lajja,Rakhiyo Jagadambe।
Sankat Tu Hi Niware,Dayamayi Ambe॥
Jai Santoshi Mata॥
Santoshi Maa Ki Aarti,Jo Koi Jana Gave।
Riddhi-Siddhi, Sukha-Sampatti,Ji Bharakara Pave॥
Jai Santoshi Mata॥